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किनारा चाहिए..!!

किसी ओर बस तेरा, किनारा चाहिए

मुझ डूबते को अब तेरा, सहारा चाहिए
बरसाइये अब थोड़ी मेहर, थोड़ा रहम 
मुझे यार अब मेरा वही आवारा चाहिए।

मैं डूबता चला रंग में तेरे, बस डूब गया
अकेला मुझे छोड़कर मेरा महबूब गया
बसर इक रात करने को बसेरा चाहिए
दिल नहीं,बस इक छोटा आसरा चाहिए।
किसी ओर बस तेरा, किनारा चाहिए
मुझ डूबते को अब तेरा, सहारा चाहिए।


बहाया जो आंसू बस उनकी कीमत दो
रहम करो जरा, मुझे इतनी तो रहमत दो
बस थोड़ा देना मुझको, नहीं सारा चाहिए
दिल में उठे जज्ब, जवाब करारा चाहिए।
किसी ओर बस तेरा, किनारा चाहिए
मुझ डूबते को अब तेरा, सहारा चाहिए।


आंखों पर पट्टियां बांधकर हम आगे बढ़े
अकेले बिना किसी सहारे,ऊंचे पर्वत चढ़े
मचलने को दिल को, तेरा इशारा चाहिए
शोला बनने को, बस इक शरारा चाहिए
किसी ओर   बस  तेरा, किनारा  चाहिए
मुझ डूबते को अब तेरा, सहारा चाहिए।



#MJ 




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8 Comments

Seema Priyadarshini sahay

16-Nov-2021 09:04 PM

बहुत खूबसूरत रचना

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Swati chourasia

16-Nov-2021 06:52 PM

Very beautiful 👌

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Niraj Pandey

16-Nov-2021 06:05 PM

बहुत खूब

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Thank you

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